Pradusan Niyatran Samitee

प्रदूषण नियंत्रण समिति

Incharge- Dr. Hemwati Thakur

 

पर्यावरण का संबंध प्राकृतिक परिवेश से है। जिसमें सभी प्राकृतिक संसाधन शामिल है। भूमि, जल, वायु एवं पर्यावरण में उपलब्ध अन्य समस्त संसाधन इसके अंतर्गत आता है। जिसकी अनुकूलता के कारण जीवन संभव हो पाता है। जीवन को बनाए रखने के लिए पर्यावरण की मौलिकता बनाए रखना आवश्यक है। पर्यावरण का जीवन से अटूट संबंध है। चाहे वह कोई भी जीव हो पर्यावरण में शुद्धता है ,तो जीवन सुरक्षित रहेगा। परंतु जब पर्यावरण का मानव जीवन एवं धरातल में रहने वाली अन्य जीव जंतुओं पर विपरीत प्रभाव पड़ने लगता है, तब उसे पर्यावरण प्रदूषण कहा जाता है।

आधुनिक युग में जनंसख्या वृद्धि के कारण बढ़ी हुई जनसंख्या को सुविधाएं उपलब्ध करवाने एवं देश की आर्थिक विकास को गति प्रदान करने के लिए तीव्रगति से होनेवाली औद्योगीकरण ,नगरीकरण एवं तकनीकी विकास के कारण पर्यावरण पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। जो मानव सभ्यता को बहुत अधिक प्रभावित कर रही है। प्रतिकूल पर्यावरण न केवल मानव सभ्यता बल्कि सभी प्रकार के जीव जंतुओं को भी प्रभावित कर रही है। जो सम्पूर्ण समाज के लिए चिंतनीय है।

                सर्वप्रथम सन् 1972 ई में संयुक्त राष्ट्र संघ व्दारा स्टाॅकहोम में आयोजि सम्मेलन में पर्यावरण संरक्षण एवं संवर्धन पर ध्यानाकर्षित किया गया। जिसके आधार पर भारत में भी विशेष ध्यान दिया गया और भारतीय संविधान के अनुच्छेद 51-अ में पर्यावरण संरक्षण एवं संवर्धन को मौलिक कर्तव्य के रूप में सम्मिलित किय गया। भारत के विभिन्न राज्यों में भी पर्यावरण संरक्षण एवं संवर्धन को नीति निर्देशक का दर्जा प्रदान किया गया है। पर्यावरण को प्रदूषण रहित बनाए रखने के लिए निरंतर प्रयास किया जाना मानव समाज का नैतिक दायित्व बनता है। जिसके लिए केन्द्र सरकार, राज्य सरकारें एवं स्वंयसेवी संगठनों एवं व्यक्तिगत तरीके से प्रयास किया जा रहा है।

                बाबू छोटेलाल श्रीवास्तव शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, धमतरी में महाविद्यालय परिसर को प्रदूषण रहित बनाए रखने के लिए मार्गदर्शन करने हेतु प्रदूषण नियंत्रण समिति गठित की गई है। महाविद्यालय में गठित प्रदूषण नियंत्रण समिति का उद्देश्य निम्नलिखित है:-

01.          पर्यावरण प्रदूषण की रोकथाम के लिए पौधारोपण करना।

02.          स्वच्छ जल की व्यवस्था करवाना।

03.          अपशिष्ट पदार्थों का प्रबंधन।

04.          शासन के व्दारा जारी दिशा दिर्देशों का पालन करवाना।

                                उपर्युक्त उद्देश्यों को ध्यान में रखते हुए महाविद्यालय में विविध गतिविधियाॅं संचालित की जाती है। जिसमें महाविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई क्रमांक एक एवं दो के स्वंयसेवक ,यूथरेडक्राॅस के स्वंयसेवक ,राष्ट्रीय कैडेट कोर के कैडेट्स ,महाविद्यालय के समस्त शैक्षणिक एवं अशैक्षणिक स्टाॅफ की महत्वूपर्ण सहभागिता रहती है। शैक्षणिक सत्र के अनुसार प्रदूषण नियंत्रण समिति के सदस्यों की संख्या निम्नानुसार है।

2020-21

क्र.

सदस्यों के नाम

विषय

रिमार्क

1

डाॅ.(श्रीमती) हेमवती ठाकुर

इतिहास

प्रभारी

2

श्रीतमी ग्रेस कुजूर

भूगोल

सदस्य

2019-20

1

डाॅ.(श्रीमती) हेमवती ठाकुर

इतिहास

प्रभारी

2

श्रीमती गे्रस कुजूर

भूगोल

सदस्य

3

श्री एन.एस.देहारी

वनस्पतिशास्त्र

सदस्य

2018-19

1

डाॅ.(श्रीमती) हेमवती ठाकुर

इतिहास

प्रभारी

2

श्रीमती गे्रस कुजूर

भूगोल

lसदस्य

3

श्री एन.एस.देहारी

वनस्पतिशास्त्र

सदस्य

2017-18

1

डाॅ.(श्रीमती) हेमवती ठाकुर

इतिहास

प्रभारी

2

श्री एन.एस.देहारी

वनस्पतिशास्त्र

सदस्य

2016-17

1

डाॅ.(श्रीमती) हेमवती ठाकुर

इतिहास

प्रभारी

2

श्री एन.एस.देहारी

वनस्पतिशास्त्र

सदस्य

3

श्री हरप्रीत सिंह आनंद

सूचना प्रौघोगिकी

सदस्य

2015-16

1

डाॅ.(श्रीमती) हेमवती ठाकुर

इतिहास

प्रभारी

2

श्री एन.एस.देहारी

वनस्पतिशास्त्र

सदस्य

3

श्री हरप्रीत सिंह आनंद

सूचना प्रौघोगिकी

सदस्य

(डाॅ.हेमवती ठाकुर)
प्रभारी
प्रदूषण नियंत्रण समिति